गरज उठे गगन सारा, समुद्र छोड़ें अपना किनारा, सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। दुर्गा माँ कहती हैं तुम सिर्फ मेरे बेटे नहीं, मेरी जिंदगी, मेरी आत्मा, मेरी खुशी और मेरा सम्मान हो। माता के नौ रूपों में है छिपा सृष्टि का सार, जग में है नवदुर्गा की महिमा अपरम्पार… https://sites.google.com/view/navratrishayari/