देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।। भजन: https://shivchalisas.com